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📕 IMPORTANT PHYSICS IN UPCOMING EXAMS ( Hindi )

📕 IMPORTANT PHYSICS IN UPCOMING EXAMS (HINDI)



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➤ (Alternating Current): एक एसी धारा जिसका परिमाण एवं दिशा समय के साथ बदले तथा निश्चित समय के पश्चात्‌ उसी दिशा में उसी परिमाण के साथ उसकी पुनरावृत्ति हो, प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है।

➤ चोक कुण्डली (Choke Coil): एसी कुण्डली जो अपने अंदर D.C को तो निकल जाने देता है, परन्तु A.C के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न कर देता है चोक कुण्डली कहलाती हैं |

➤ चोक कुण्डली का निर्माण नर्म लोहे के एक क्रोड के ऊपर पृथक्कृत तांबे का तार लपेट कर किया जाता है।

➤ चोक कुण्डली के कारण परिपथ में व्यय विद्युत ऊर्जा का मान न्यूनतम होता है।

➤ चोक कुण्डली का उपयोग घरों की फ्लोरसेंट ट्यूब्स एवं रेडियो में होता है ।


➤ ट्रांसफार्मर (Transformer): विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करने वाला यह एक ऐसा यंत्र है जो उच्च ए.सी. वोल्टेज को निम्न ए.सीवोल्टेज में एवं निम्न ए.सी. वोल्टेज को उच्च ए.सी. वोल्टेज में बदल देता है ।

➤ ट्रांसफार्मर का निर्माण एक पटलित नर्म लोहे की आयताकार क्रोड पर आमने-सामने दो कुण्डलियाँ लपेट कर किया जाता है ।

➤ ए.सी. स्रोत से जुड़ने वाली कुण्डली को प्राथमिक कुण्डली (Primary Coil) एवं बाह्य परिपथ (लोड) से जुड़ने वाली कुण्डली को द्वितीय कुण्डली (Secondary Coil) कहा जाता है |


➤ डायनेमो (Dynamo): यह विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।

 ➤ डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है ।

➤ विधुत मोटर (Electric Motor): यह विदृयुत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य नहीं करती है ।

➤ विद्युत मोटर द्वारा विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है ।

➤ विद्युत बल्ब (Electric Bulb): विद्युत बल्ब का आविष्कार सर्वप्रथम एडीसन ने किया था ।

➤ बल्ब के अंदर कुण्डलीनुमा तंतु लगा होता है जो टंगस्टन धातु का बना होता है ।

➤ अनओमी प्रतिरोध (Non-ohmic resistance): जो चालक ओम के नियम का पालन नहीं करते, उन्हें अनओमीय प्रतिरोध कहते हैं, जेसे-ट्रायोड वाल्व का प्रतिरोध ।

➤ विद्युत चालक और विदृयुतरोधी पदार्थ:- जिन पदार्थों में विदूयुत का चालन सरलता से हो जाता है तथा विद्‌युत का प्रवाह मुक्त रूप से होता है उन्हें विदूयुत चालक तथा जिन पदार्थों में विदूयुत धारा के प्रवाह में बाधा आती है वह विदृयुतरोधी कहलाते हैं ।

➤ विद्युत चालक-तांबा, चांदी, ग्रेफाइट, लवणों का जलीय विलयन आदि । विदृयुत रोधी- रबड़, कांच प्लास्टिक, पोर्सिलेन आदि ।

विद्युत के चालक, अर्द्धधालक व कुचालक
चालक (Conductor) इन पदार्थों में विदूयुत आवेश का प्रवाह होता है । जैसे-चांदी, तांबा, एल्युमीनियम, पारा और अन्य धातुएँ जल, चार कोल, मानव शरीर

➤अर्द्धचालक (Semi-conductor):- इन पदार्थों में विदूयुत आवेश चालकों से कम व कुचालकों से अधिक होता है । जैसे-संगमरमर, कागज, बालू, रुई , हाथी दात॑ , आर्द्र वायु आदि |

➤कचालक (Insulator):- इन पदार्थों में विदुयुत आवेश का प्रवाह नहीं होता है । जेसे-शीशा, रबर, अभ्रक, शुष्क हवा, सिल्क काष्ठ, एबोनाइट, सल्‍्फर, लाख आदि |

➤अतिचालक (Superconductor): ओनेस नामक वैज्ञानिक ने पता लगाया कि 4.2 K (लगभग - 269०C) ताप पर पारे का विदृयुत प्रतिरोध शून्य हो जाता है । इन न्यून तापों को क्रांतिक ताप कहते हैं एवं ऐसा व्यवहार करने वाले पदार्थों को अतिचालक कहते हैं ।

➤ अतिचालक कोई प्रतिरोध प्रस्तुत नहीं करते हैं, इसलिए उनमें ऊर्जा हास के बिना विद्युत धारा प्रवाहित होती है ।

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